मध्यप्रदेश में जिलों और तहसीलों के गठन का काम नवंबर में तेजी से शुरू कर दिया जाएगा। इस पहल के तहत 6 नए जिले और कई नई तहसीलों के निर्माण की संभावना है।
प्रदेश में प्रशासनिक इकाइयों का पुनर्गठन हो रहा है, जिसमें सभी जिलों, तहसीलों और ब्लॉक की सीमाओं को नए सिरे से निर्धारित करने के लिए एक विशेष आयोग का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष के रूप में पूर्व आईएएस मनोज श्रीवास्तव और सदस्य के रूप में पूर्व आईएएस मनोज शुक्ला की नियुक्ति की है। आयोग का उद्देश्य प्रदेश के संभाग, जिलों, तहसीलों और विकासखंडों की सीमाओं का नए सिरे से निर्धारण करके प्रस्ताव तैयार करना है।
क्या परिसीमन 2 महीने में संभव है?
राज्य सरकार का दावा है कि पुनर्गठन का कार्य 2 महीने में पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार इस प्रक्रिया में कम से कम एक साल का समय लगेगा। यह एक विशाल कार्य है, जिसमें 10 संभाग, 56 जिले, और 430 तहसीलों की सीमाएं तय करनी हैं। इसके लिए विस्तृत रिपोर्ट्स मंगाई जाएंगी और भौगोलिक, प्रशासनिक सीमाओं की सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा।
मध्यप्रदेश में परिसीमन क्यों है आवश्यक?
मध्यप्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, और इसके भौगोलिक विसंगतियों के कारण नागरिकों को प्रशासनिक कार्यों में दिक्कतें होती हैं। पिछले कुछ वर्षों में नए जिलों और तहसीलों के गठन के कारण कई विसंगतियां पैदा हो गई हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि परिसीमन आवश्यक है ताकि क्षेत्रीय असंतुलन दूर किया जा सके और नागरिकों के लिए प्रशासनिक पहुंच सरल हो।
किन तहसीलों में है अधिक विसंगतियां?
परिसीमन में बीना (सागर), चाचौड़ा (गुना), खुरई (सागर), जुन्नारदेव (छिंदवाड़ा), लवकुशनगर (छतरपुर) और मनावर (धार) को नया जिला बनाने की मांग लगातार हो रही है। मुख्यमंत्री का कहना है कि लोगों को जिला और तहसील मुख्यालयों तक पहुंचने के लिए 100 से 150 किमी की यात्रा करनी पड़ती है। नए परिसीमन के तहत, इन असमानताओं को कम करने का प्रयास किया जाएगा।
जनगणना से परिसीमन में हो सकता है विलंब
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि परिसीमन जल्द पूरा किया जाए, लेकिन राष्ट्रीय जनगणना 2025 में शुरू होने के कारण इसकी समय-सीमा प्रभावित हो सकती है। केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर 2024 तक सभी राज्यों को जिलों, तहसीलों और ब्लॉक की सीमाएं तय करने के निर्देश दिए हैं। इस कारण परिसीमन में अधिक समय लग सकता है।