DBEP/BL/04112024
04/11/2024 Sunday, Indore
इंदौर । पिछले माह, लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेने वाले 10 अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए। इनमें कुछ ने रिश्वत सीधे हाथ में ली, तो कुछ ने किसी प्रतिनिधि को या अपनी कार में रुपए रखवाए। हालांकि, इन मामलों में कार्रवाई को लेकर विभाग प्रमुखों का दोहरा रवैया सामने आया है। देपालपुर में 40 हजार की रिश्वत लेते पकड़े गए राजस्व निरीक्षक नरेश बिवालकर को कलेक्टर आशीष सिंह ने 24 घंटे से भी कम समय में निलंबित कर दिया। दूसरी ओर, जिला परियोजना समन्वयक शीला मेरावी, जिन्होंने एक लाख रुपए की रिश्वत अपनी गाड़ी में रखवाई थी और जिनके खिलाफ रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग भी मौजूद है, को सिर्फ कलेक्टर कार्यालय में अटैच किया गया। इसी तरह, 2 लाख की रिश्वत मांगने वाले बिजली कंपनी के जूनियर इंजीनियर पुष्पेंद्र साहू को सिर्फ धार में अटैच किया गया, जबकि सीजीएसटी के अधीक्षक मुकेश त्रिपाठी के खिलाफ अभी तक विभागीय कार्रवाई नहीं हुई है।
मुख्य सचिवों को पत्र भेजा गया
लोकायुक्त एसपी डॉ. राजेश सहाय ने बताया कि सभी भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर संबंधित विभागों के प्रमुख सचिवों को उचित कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है।
जीएसटी अधिकारी के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं
सुभाष चौक जोन में घरेलू बिजली कनेक्शन के बदले 2 लाख की रिश्वत मांगने वाले जूनियर इंजीनियर पुष्पेंद्र साहू और आउटसोर्स कर्मचारी अजहरूद्दीन कुरैशी पर भी केस दर्ज है। हालांकि, अब तक बिजली कंपनी के एमडी और डीजीएम की ओर से साहू पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। इसी तरह, एक फर्म मालिक से 20 हजार रिश्वत मांगने वाले सीजीएसटी अधीक्षक मुकेश त्रिपाठी पर भी विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। रोड ठेकेदार से 70 लाख के बिल के लिए 15.5 लाख की रिश्वत मांगने वाले उपयंत्री राहुल मंडलोई को 5 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा गया था, लेकिन उन्हें भी सिर्फ अटैच किया गया है।
कार्रवाई के दायरे में आने वाले अधिकारी
इस अभियान में विभिन्न सरकारी अधिकारी शामिल हैं, जिनमें स्कूल प्राचार्य अभिषेक पांडे, पंचायत समन्वयक मुन्नालाल यादव, राजस्व निरीक्षक नरेश बिवालकर, जिला परियोजना समन्वयक शीला मेरावी, जूनियर इंजीनियर पुष्पेंद्र साहू, आउटसोर्स कर्मचारी अजहरूद्दीन कुरैशी, जीएसटी अधीक्षक मुकेश त्रिपाठी और रोजगार सहायक राजू हिरवे का नाम शामिल है।