रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों के पेंशन भत्तों के विवाद में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी को राहत देते हुए आयोग ने कहा कि सरकारी कर्मचारी भी उपभोक्ता की श्रेणी में आते हैं यदि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली सेवाओं में कोई लापरवाही की जाती है। आयोग ने बैंक को निर्देश दिया कि वह शिकायतकर्ता काजी मोहम्मद अतीक को उनके पेंशन भत्ते पर 9% ब्याज आठ सप्ताह के भीतर प्रदान करे। अगर बैंक इस निर्देश का पालन नहीं करता, तो उसे 12% ब्याज देना होगा। यह धारणा कि सरकारी कर्मचारी उपभोक्ता आयोग में नहीं जा सकते, गलत है।
मामले की पृष्ठभूमि
अतीक के रिटायर होने पर उन्हें पेंशन लाभ के रूप में 15 लाख 40 हजार रुपए मिले थे। हालांकि, उस राशि पर बैंक ने उन्हें ब्याज नहीं दिया, जिससे परेशान होकर उन्होंने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करवाई।