छत्तीसगढ़ मे अब दान पत्र, बंटवारा, हक त्याग पर केवल 500 रुपये पंजीयन शुल्क, नई गाइडलाइन से आम आदमी को राहत
Updated : 18 November 2024 Monday, Raipur ECXT/R1/181124
रायपुर छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन दान, बंटवारा और हक त्यागने के मामलों में बड़ी राहत प्रदान की है। अब इन कार्यों के लिए पंजीयन शुल्क मात्र ₹500 होगा। इससे पहले यह शुल्क संपत्ति के बाजार मूल्य का 0.8% था। उदाहरण के लिए, यदि संपत्ति का मूल्य ₹1 करोड़ होता, तो ₹80,000 का पंजीयन शुल्क देना पड़ता। लेकिन अब संपत्ति का मूल्य चाहे जितना हो, शुल्क केवल ₹500 ही लगेगा।
स्टांप शुल्क में कोई बदलाव नहीं:
दान और हक त्याग के लिए स्टांप शुल्क 0.5% तथा बंटवारे के लिए प्रति हिस्से ₹200 यथावत रहेगा। यह निर्णय उन हजारों लोगों को लाभान्वित करेगा जो अपने परिवार के सदस्यों को संपत्ति स्थानांतरित करते हैं। पिछले वर्ष प्रदेश में 17,125 पारिवारिक दान, 7,000 हकत्यागनामे, और 850 बंटवारानामे दर्ज हुए थे। इस नई व्यवस्था से इन आंकड़ों में वृद्धि होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री की पहल:
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने लंबी चर्चा के बाद यह फैसला लिया। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश ने भी हाल ही में पारिवारिक दान के लिए पंजीयन शुल्क ₹500 और अन्य मामलों में ₹1,000 तय किया है।
तीन प्रमुख बदलाव:
- पारिवारिक दान:
पुत्र, पुत्री, पौत्र, पौत्री, पुत्र वधू आदि को संपत्ति उपहार में देने पर अब केवल ₹500 शुल्क लगेगा। पहले ₹1 करोड़ की संपत्ति दान पर ₹80,000 शुल्क देना पड़ता था। - हक त्याग:
संयुक्त परिवार में एक सदस्य द्वारा दूसरे को या बहन द्वारा भाई को संपत्ति में हिस्से का हक त्यागने पर अब केवल ₹500 शुल्क देना होगा। पहले यह शुल्क ₹80,000 था। - बंटवारा:
संयुक्त परिवारों में बंटवारे के बाद संपत्ति का नामांतरण सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कराने पर भी अब ₹500 शुल्क ही लगेगा। पहले किसान यह शुल्क अधिक होने के कारण बंटवारा सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं कराते थे।
दूसरे राज्यों की तुलना:
अन्य राज्यों में पंजीयन शुल्क संपत्ति मूल्य का 1% है। जैसे दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, और बंगाल में ₹1 करोड़ की संपत्ति पर ₹1 लाख शुल्क लगता है।