फार्मर रजिस्ट्री के लिए किसान और पटवारी होते रहे परेशान
एग्रीस्टैक के तहत चल रहा किसान रजिस्ट्रेशन अभियान
Updated: 21 November 2024, Thursday, Bhopal
भारत सरकार ने किसानों की सुविधा और पारदर्शिता के लिए एग्रीस्टैक के तहत 31 दिसंबर 2024 तक फार्मर रजिस्ट्री अभियान चलाने की घोषणा की है। इस अभियान के तहत किसान वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप के माध्यम से अपने रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य किसानों की पहचान को आसान बनाना और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचाना है।
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि जिन किसानों की फार्मर रजिस्ट्री पूरी होगी, केवल उन्हें ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और अन्य कृषि योजनाओं का लाभ मिलेगा। इस अभियान के अंतर्गत, हर किसान को एक यूनिक किसान आईडी प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी भूमि और अन्य विवरण आसानी से ट्रैक किए जा सकें।
हालांकि, इस अभियान की शुरुआत से ही किसान और पटवारी दोनों के लिए यह प्रक्रिया परेशानी का सबब बन गई है। किसानों को रजिस्ट्रेशन के दौरान कई तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जो प्रक्रिया को धीमा और जटिल बना रही हैं।
पटवारियों द्वारा बताई गई समस्याएं:
- नाम मिसमैच की समस्या:
किसान के नाम और खसरे में दर्ज नाम में मेल न होने से भूमि की जानकारी फेच नहीं हो पा रही है। - सिस्टम एरर:
पटवारी आईडी का पासवर्ड खुलने में दिक्कत आ रही है, जिससे कार्य बाधित हो रहा है। - फार्मर कंसेंट चेकबॉक्स समस्या:
रजिस्ट्रेशन फॉर्म में ‘कंसेंट चेकबॉक्स’ पर क्लिक नहीं हो पा रहा है। जब तक यह क्लिक नहीं होगा, प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती। - भूमि जानकारी की समस्या:
खसरे और खातों की जानकारी सही तरीके से सिस्टम में फेच नहीं हो रही है। - लंबा समय:
एक किसान की रजिस्ट्री पूरी करने में औसतन 2 घंटे का समय लग रहा है। - लैंड वेरिफिकेशन की समस्या:
तकनीकी खामियों के कारण भूमि का सत्यापन नहीं हो पा रहा है।
किसानों के लिए परेशानियां:
- कई किसान तकनीकी ज्ञान की कमी के कारण खुद से रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे हैं।
- नाम और दस्तावेज़ में मेल न होने के कारण प्रक्रिया बार-बार असफल हो रही है।
- ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को और मुश्किल बना रही है।
31 दिसंबर तक अनिवार्य रजिस्ट्रेशन
अधिकारियों के अनुसार, किसानों को 31 दिसंबर तक अनिवार्य रूप से अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह तय किया गया है कि आने वाले समय में शासन की योजनाओं का लाभ केवल उन किसानों को मिलेगा जिनकी फार्मर रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है। इससे न केवल योजनाओं का पारदर्शी क्रियान्वयन होगा बल्कि बार-बार सत्यापन की आवश्यकता भी समाप्त हो जाएगी।
फार्मर रजिस्ट्री की उपयोगिता:
- सरकारी योजनाओं के लाभ सीधे किसानों तक पहुंचेंगे।
- विवाद होने पर फार्मर रजिस्ट्री के जरिए निस्तारण में आसानी होगी।
- बार-बार दस्तावेज़ सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी।
- किसानों के लिए एक यूनिक आईडी होने से सभी विवरण एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध रहेंगे।
समाधान की आवश्यकता:
इस अभियान की सफलता के लिए जरूरी है कि तकनीकी खामियों को शीघ्रता से दूर किया जाए। पटवारियों को कार्य में सहायता के लिए अतिरिक्त संसाधन और प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। साथ ही, किसानों को जागरूक करने के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जाएं ताकि वे अपने दस्तावेज़ सही करवा सकें और समय पर रजिस्ट्रेशन पूरा हो सके।
फार्मर रजिस्ट्री अभियान एक महत्वाकांक्षी पहल है, लेकिन इसके सफल क्रियान्वयन के लिए तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियों को हल करना जरूरी है। किसान और पटवारी दोनों को सहयोग और संसाधन प्रदान कर सरकार इस अभियान को समय पर पूरा कर सकती है, जिससे भारत में कृषि योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद किसान तक पहुंचे।