DBEP/S3/51124
05/11/2024 Tuesday, Jabalpur
जबलपुर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मामलों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग के दुरुपयोग पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाइव स्ट्रीमिंग की क्लिपिंग काटकर और एडिट कर अपलोड करने पर तत्काल रोक लगा दी है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की पीठ ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, राज्य सरकार, मेटा प्लेटफॉर्म्स, यूट्यूब, ट्विटर और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दमोह के डॉ. विजय बजाज की ओर से अधिवक्ता मुकेश कुमार अग्रवाल और उत्कर्ष अग्रवाल ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए नियम बनाए गए हैं, जिनके अनुसार इसके सभी कॉपीराइट हाई कोर्ट के पास हैं। इन नियमों के तहत किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीमिंग का उपयोग, साझा करना, ट्रांसमिशन या अपलोड करना प्रतिबंधित है। आरोप है कि नियमों की अनदेखी करते हुए सोशल मीडिया पर लाइव स्ट्रीमिंग की क्लिपिंग्स को एडिट करके अपलोड किया जा रहा है और इससे मुनाफा कमाया जा रहा है। इसके अलावा, इस पर मीम्स और शॉर्ट्स बनाए जा रहे हैं और न्यायाधीशों, वकीलों और सरकारी अधिकारियों पर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ की जा रही हैं। याचिका में मांग की गई है कि जिन लोगों ने लाइव स्ट्रीमिंग का दुरुपयोग कर सोशल मीडिया के माध्यम से कमाई की है, उनसे वसूली की जाए और अब तक अपलोड की गई क्लिपिंग्स को हटाया जाए।