जबलपुर। नगर निगम के कामकाज को और अधिक पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए जल्द ही ई-नगर पालिका 2.0 सॉफ्टवेयर लागू किया जा रहा है। इस अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे भवन निर्माण की निगरानी और टैक्स निर्धारण में आसानी होगी। सॉफ्टवेयर के जरिए सेटेलाइट इमेज की मदद से यह जानकारी तुरंत प्राप्त हो सकेगी कि भवन कितनी भूमि पर बना है और कितने फ्लोर का निर्माण चल रहा है। इससे नगर निगम के रिकॉर्ड में गड़बड़ी रोकने और भवन नक्शे पास कराने की प्रक्रिया में होने वाले फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा।

सूत्रों के अनुसार, यह सॉफ्टवेयर इस साल नवंबर के अंतिम सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में लागू कर दिया जाएगा।

ई-नगर पालिका 2.0 सॉफ्टवेयर को डिजिटल इंडिया परियोजना को समर्थन देने और नागरिक सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस सॉफ्टवेयर में संपदा-2, पंजीयन विभाग, राजस्व, और उद्योग विभाग को भी जोड़ा गया है, जिससे किसी भी नई प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के बाद नगर निगम को तत्काल उसकी जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इससे निगम अपने रिकॉर्ड में तुरंत उस प्रॉपर्टी को शामिल कर सकेगा और टैक्स निर्धारण की प्रक्रिया शीघ्रता से हो सकेगी।

नए सॉफ्टवेयर के लागू होने के बाद नगर निगम के सभी प्रकार के भुगतान और नागरिक सेवाएं ऑनलाइन हो जाएंगी। इसमें टैक्स भुगतान से लेकर अन्य नागरिक सेवाओं तक की प्रक्रिया शामिल होगी। साथ ही, नागरिक शिकायतें भी ऑनलाइन दर्ज की जा सकेंगी और उनकी स्थिति का ऑनलाइन पता लगाया जा सकेगा। निकायों की आंतरिक कार्यप्रणाली और बजट प्रक्रिया भी पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगी, जिससे काम में गति और पारदर्शिता आएगी।

ई-नगर पालिका 2.0 के लिए तीन महीने पहले ही सुझाव भेजे जा चुके हैं और इसे जल्द से जल्द लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लागू होने से नगर निगम के कामकाज में पारदर्शिता और तेजी आएगी, जिससे नागरिकों को अधिक प्रभावी सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। एआई की मदद से नगर निगम के अधिकारी किसी भी प्रॉपर्टी की स्थिति का सही अंदाजा लगा सकेंगे और उससे जुड़े कर व अन्य शुल्क का सही निर्धारण कर सकेंगे।

ई-नगर पालिका 2.0 सॉफ्टवेयर के साथ, नागरिकों को संपत्ति से संबंधित सेवाओं में और भी सहूलियतें मिलने की उम्मीद है। डिजिटल सिस्टम के माध्यम से सभी सूचनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, और नगर निगम का कामकाज सरल, तेज और अधिक विश्वसनीय होगा। इसके साथ ही, नई प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और उसके तुरंत बाद टैक्स निर्धारण जैसे कार्यों में देरी और त्रुटियां कम होंगी।

ई-नगर पालिका 2.0 सॉफ्टवेयर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर नगर निगम की सेवाओं को डिजिटल युग में प्रवेश दिलाएगा और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।

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