जबलपुर । मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पटवारी को 13 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लोकायुक्त लगातार भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई कर रही है, लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोरी के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जबलपुर के कुंडम तहसील से सामने आया है, जहां पिपरिया गांव के पटवारी सनी द्विवेदी को 13 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।

मामले का पूरा विवरण:

शिकायतकर्ता जितेंद्र पटेल ने लोकायुक्त को बताया कि पिपरिया गांव में उसकी करीब तीन बीघा जमीन है, जिसमें उसके पिता और चार बुआओं का नाम शामिल है। बुआएं स्वेच्छा से अपनी जमीन का हिस्सा जितेंद्र के नाम करने के लिए तैयार थीं, लेकिन इसके लिए जमीन की बही बनवाने की प्रक्रिया में पटवारी ने 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी।

जितेंद्र ने बताया कि उनके पिता ने पटवारी को 8 हजार रुपये देने की पेशकश की, लेकिन वह अपनी मांग पर अड़ा रहा। इससे पहले भी जितेंद्र ने कई बार प्रयास किया, लेकिन पटवारी ने हर बार फाइल खारिज कर दी।

लोकायुक्त की टीम ने शिकायत की पुष्टि के बाद शुक्रवार को तिलसानी गांव के एक ढाबे पर पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह बार-बार पटवारी के अड़ियल रवैये से परेशान होकर अंततः लोकायुक्त से संपर्क करने पर मजबूर हुआ।

लोकायुक्त की इस कार्रवाई से एक बार फिर साफ हुआ कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत है। हालांकि, यह घटनाएं दर्शाती हैं कि प्रदेश में रिश्वतखोरी पर अभी पूरी तरह से लगाम लगाना बाकी है।

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