तहसीलों में अटके हैं 2.31 लाख नामांतरण के मामले, सुलझाने के लिए कल से राजस्व महा अभियान 3.0
OEXT/B1/141124
Updated : 14 November 2024 Thursday, Bhopal
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की तहसीलों में अटके हुए नामांतरण के मामलों के निराकरण के लिए 15 नवंबर से एक विशेष अभियान, “राजस्व महा अभियान 3.0,” शुरू किया जा रहा है। यह अभियान 15 दिसंबर तक चलेगा और इसका उद्देश्य सभी लंबित राजस्व मामलों को सुलझाना है। इस साल पहले भी दो बार इस तरह के महा अभियान आयोजित किए गए हैं, जिनमें 2.31 लाख लंबित नामांतरण मामलों का निराकरण किया जा चुका है।
पहला महा अभियान: 15 जनवरी से 15 मार्च तक चला, जिसमें 30 लाख राजस्व मामलों का निपटारा हुआ।
दूसरा महा अभियान: 18 जुलाई से 31 अगस्त तक चला, जिसमें 50 लाख राजस्व मामलों का निपटारा हुआ।
कुल नामांतरण मामलों का निराकरण: इन दोनों अभियानों में कुल 2,71,636 नामांतरण के मामले सुलझाए गए।
अभियान अवधि | कुल राजस्व मामले निपटारे | नामांतरण मामले निपटारे |
---|---|---|
15 जनवरी – 15 मार्च | 30 लाख | 1,20,000 |
18 जुलाई – 31 अगस्त | 50 लाख | 1,51,636 |
कुल | 80 लाख | 2,71,636 |
राजस्व महा अभियान 3.0 का उद्देश्य
राजस्व महा अभियान 3.0 का मुख्य उद्देश्य लंबित नामांतरण मामलों को सुलझाना है, जिससे भूमि रिकॉर्ड की पारदर्शिता में सुधार हो और संपत्ति विवादों की समस्या कम हो सके। इस अभियान के अंतर्गत विशेष ध्यान विवादित मामलों पर रहेगा, जो भूमि हस्तांतरण और रिकॉर्ड अपडेट की प्रक्रिया में देरी करते हैं।
- कुल लंबित मामले: 2,31,595 मामले।
- फोकस: विशेष रूप से विवादित मामलों का निराकरण, जो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में कानूनी अड़चनों का कारण बनते हैं।
पिछले अभियानों ने 80 लाख राजस्व मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया, जिनमें 2,71,636 नामांतरण के मामले भी शामिल हैं। इन अभियानों ने यह सिद्ध किया कि गहन प्रयासों से राजस्व मामलों का निपटारा करना संभव है, जिससे संपत्ति रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सुधार हुआ है।
लंबित नामांतरण मामलों का विस्तृत विवरण (नवंबर 2024 तक)
वर्तमान में मध्य प्रदेश की तहसीलों में कुल 2,31,595 नामांतरण मामले लंबित हैं। इन मामलों को विवादित और अविवादित में विभाजित किया गया है:
- अविवादित नामांतरण मामले
- कुल मामले: 20,46,635
- निराकृत मामले: 18,20,271
- लंबित मामले: 2,26,364
- विवादित नामांतरण मामले
- कुल मामले: 80,199
- निराकृत मामले: 74,968
- लंबित मामले: 5,231
साइबर तहसीलों के माध्यम से प्रगति
साइबर तहसीलों के गठन के बाद नामांतरण प्रक्रिया काफी सरल हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप मामलों का निपटारा तेजी से हो रहा है। अधिकांश मामलों का निपटारा अब औसतन 15 दिनों में हो जाता है, खासकर अविवादित मामलों में।
चुनौतियाँ और भविष्य के लक्ष्य
नामांतरण अभियान में मुख्य चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं:
- विवादित मामले: साइबर तहसीलों के बावजूद, विवादित मामलों का निराकरण कानूनी और प्रशासनिक प्रयासों की मांग करता है।
- जिलों में समन्वय: जिला कलेक्टरों और संभागायुक्तों के बीच प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि सभी तहसीलों में समान प्रगति हो सके।
आगे देखते हुए, सरकार का लक्ष्य है कि लंबित मामलों की संख्या को कम किया जाए और नए मामलों की संख्या को भी रोकने के लिए निवारक उपाय किए जाएं। राज्य भर में साइबर तहसीलों के सफल कार्यान्वयन से भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में सुधार आएगा और विवादों में भी कमी आएगी।राजस्व महा अभियान 3.0 मध्य प्रदेश में भूमि प्रशासन को सरल और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। 18 लाख से अधिक मामले पहले ही साइबर तहसीलों के माध्यम से हल किए जा चुके हैं, और दो पूर्व अभियानों ने इस अभियान के लिए एक मजबूत आधार स्थापित किया है। तीसरा अभियान प्रदेश में नामांतरण प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।