राजस्व अभियान पर पटवारियों की नाराजगी– “पूरा सिस्टम सिर्फ समीक्षा करता है, सारा काम पटवारियों पर छोड़ दिया जाता है”
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16 November, Saturday, Ashoknagar
अशोकनगर। प्रदेश सरकार द्वारा राजस्व अभियान 3.0 की शुरुआत पर पटवारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर नाराजगी जाहिर की। उनका कहना है कि अभियान में सारा काम पटवारियों को करना पड़ता है, जबकि पूरा सिस्टम सिर्फ समीक्षा में लगा रहता है। यदि कोई छोटी सी गलती हो जाती है, तो कार्रवाई का सामना भी पटवारियों को ही करना पड़ता है।
लोगों के कार्यों का सामूहिक समाधान निकालने के उद्देश्य से शुरू किए गए इस अभियान पर पटवारियों ने अपनी चिंताओं को उजागर किया। रघुवंशी धर्मशाला में आयोजित बैठक में सभी तहसीलों के अध्यक्ष और जिला कार्यकारिणी के सदस्य शामिल हुए। बैठक में काम के दौरान आने वाली दिक्कतों और प्रशासन व सरकार द्वारा इन समस्याओं को नजरअंदाज करने पर गहन चर्चा हुई। बैठक में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने का निर्णय भी लिया गया।
पटवारियों की शिकायतें: 24 घंटे का दबाव, अवकाश भी नहीं
पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष बलवीरसिंह यादव ने बताया कि पटवारियों से लगातार काम करवाया जा रहा है, लेकिन उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, “पूरा सिस्टम केवल काम की समीक्षा करता है, जबकि सारा कार्यभार पटवारियों पर डाल दिया गया है। हमारी आवाज कहीं भी नहीं सुनी जाती।”
उन्होंने यह भी बताया कि पटवारियों पर 24 घंटे काम का दबाव रहता है, और छुट्टी के दिन भी उनसे काम कराया जाता है। इस वजह से उन्हें अपने परिवार के लिए समय निकालने का मौका नहीं मिलता। लगातार काम के दबाव के कारण पटवारी तनावग्रस्त रहते हैं और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
पटवारी संघ ने मांग की है कि प्रशासन और सरकार उनकी समस्याओं पर ध्यान दें और काम के दबाव को कम करने के उपाय करें।