सरकार पुराने पेंशन और सेवा नियमों में बदलाव करेगी, इसके लिए चार सदस्यीय समूह का गठन होगा
गृह भाड़ा एवं अन्य भत्तों में भी वृद्धि संभव
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08/11/2024 Friday, Bhopal
मध्य प्रदेश सरकार अपने सात लाख से अधिक कर्मचारियों और चार लाख से अधिक पेंशनर्स से जुड़े पेंशन और सेवा नियमों में बदलाव की तैयारी कर रही है। इसके साथ, सेवा भर्ती संबंधी नियमों में भी सुधार किया जाएगा। इस कार्य के लिए चार सदस्यीय समिति बनाई जाएगी, जो एक वर्ष के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस समूह का गठन इस महीने में हो सकता है।
सालों बाद, सरकार पेंशन और सेवा नियमों में सुधार कर रही है, जिसमें 1976 के पेंशन नियमों में संशोधन को भी इसी वित्तीय वर्ष में लागू किया जा सकता है। यह कदम कर्मचारी आयोग द्वारा पहले से ही सरकार को दी गई रिपोर्ट पर आधारित होगा।
भारत सरकार पहले ही पेंशनरों के नियमों में कई बदलाव कर चुकी है, जिसमें अविवाहित पुत्री, विधवा, और परित्याक्ता को परिवार पेंशन देने का प्रावधान भी शामिल है, लेकिन प्रदेश में अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं है। पूर्व आईएएस अधिकारी जीपी सिंघल की अध्यक्षता वाले कर्मचारी आयोग ने पेंशन नियमों में संशोधन की रिपोर्ट वित्त विभाग को तीन साल पहले सौंपी थी। इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
कर्मचारियों के अन्य लाभों में भी सुधार की आवश्यकता जताई गई है, जिसमें गृह भाड़ा भत्ता और अन्य भत्ते शामिल हैं, जिन्हें लंबे समय से बढ़ाया नहीं गया है। इसके लिए पूर्व वित्त सचिव अजीत कुमार ने अध्ययन करके रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन वह भी ठंडे बस्ते में डाल दी गई। विभिन्न संवर्ग के कर्मचारियों के वेतनमान में असमानताओं का मुद्दा भी कर्मचारी संगठनों द्वारा बार-बार उठाया गया है।
समूह का गठन इस बार उन अधिकारियों के साथ किया जाएगा, जिनके पास विभिन्न प्रशासनिक पदों का अनुभव हो। ये अधिकारी एक वर्ष के भीतर सभी नियमों का परीक्षण करके पेंशनर्स और कर्मचारियों के लिए संशोधन प्रस्तावित करेंगे। इस काम में वित्त और सामान्य प्रशासन विभाग समन्वयक की भूमिका निभाएंगे और समूह के सदस्यों को आवश्यक दस्तावेज प्रदान करेंगे।
समूह कर्मचारी संगठनों से भी चर्चा करेगा, जिससे उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके। पूर्व में कमल नाथ सरकार ने कर्मचारियों के मुद्दों को हल करने के लिए एक कर्मचारी आयोग बनाया था, जिसे शिवराज सरकार ने जारी रखा था, लेकिन उस दौरान कर्मचारी संगठनों से चर्चा नहीं हो पाई थी। नए समूह के गठन के साथ, उम्मीद है कि कर्मचारी संगठनों का पक्ष सुना जाएगा।