सरकारी नौकरियों में भर्ती के नियम बीच में नहीं बदले जा सकते – सुप्रीम कोर्ट
DBEP/B1/81124
08/11/2024 Friday, New Delhi
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है, जिसमें कहा गया है कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता, जब तक कि नियमानुसार इसकी स्पष्ट अनुमति न हो।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और चार अन्य न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट में अनुवादकों की नियुक्तियों से जुड़े मामले पर यह फैसला सुनाया। पीठ ने कहा कि जब किसी सरकारी पद के लिए विज्ञापन जारी किया जाता है, तो उस समय से भर्ती प्रक्रिया शुरू मानी जाती है और चुने गए उम्मीदवारों की नियुक्ति के साथ प्रक्रिया समाप्त होती है। एक बार प्रक्रिया शुरू होने के बाद, नियुक्ति संबंधी नियमों में बदलाव संभव नहीं है।
पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी पद के लिए नियम निर्धारित नहीं हैं, तो नियोक्ता भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले नियम बना सकता है। अगर प्रक्रिया में बदलाव का नियम पहले से मौजूद हो, तो इसे संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत तार्किक होना चाहिए, यानी परिवर्तन मनमाने ढंग से नहीं होना चाहिए। साथ ही, चयन सूची में नाम आने पर उम्मीदवार को नियुक्ति का कोई स्थायी अधिकार नहीं मिलता। सरकार खाली पदों को न भरने का निर्णय ले सकती है, लेकिन यदि पद खाली हैं तो वह चयनित उम्मीदवार को बिना उचित कारण नियुक्ति देने से इनकार नहीं कर सकती।