“मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 (संशोधित 2007)” का संक्षिप्त हिंदी सार –

मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम, 1966 राज्य शासन के कर्मचारियों की नियुक्ति, सेवा शर्तें, पदोन्नति, अनुशासन, वेतन एवं पेंशन से संबंधित आधारभूत नियम हैं।

2007 के संशोधन में मुख्यतः निम्न बिंदुओं पर परिवर्तन किए गए –

  1. नियुक्ति प्रक्रिया
    • भर्ती एवं चयन की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक बनाया गया।
    • राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से होने वाली भर्ती के नियमों को स्पष्ट किया गया।
  2. पदोन्नति (Promotion)
    • पदोन्नति हेतु पात्रता अवधि, वरिष्ठता एवं योग्यता के मापदंडों में संशोधन किया गया।
    • समय-समय पर पदोन्नति समिति (DPC) के गठन और कार्यप्रणाली का निर्धारण।
  3. अनुशासन एवं अपील (Discipline & Appeal)
    • कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही, दंड, निलंबन आदि की प्रक्रिया को और स्पष्ट एवं सख्त किया गया।
    • अपील एवं पुनर्विचार की व्यवस्था को परिभाषित किया गया।
  4. सेवा शर्तें
    • सेवा अवधि, अवकाश, स्थानांतरण, सेवानिवृत्ति की शर्तों में संशोधन।
    • संविदा नियुक्ति और स्थायी नियुक्ति के नियम अलग-अलग परिभाषित।
  5. वेतन एवं भत्ते
    • वेतनमानों एवं भत्तों को संशोधित कर समयानुकूल बनाया गया।
    • वेतन पुनरीक्षण आयोग की अनुशंसाओं के अनुरूप सुधार।
  6. पेंशन एवं सेवानिवृत्ति लाभ
    • पेंशन योजना, भविष्य निधि, ग्रेच्युटी आदि लाभों में अद्यतन प्रावधान।
    • नई पेंशन योजना (NPS) लागू होने के बाद की स्थिति का समावेश।

सार रूप में, 1966 के नियम राज्य कर्मियों की सेवा प्रणाली की नींव रखते हैं, जबकि 2007 संशोधन ने इन्हें आधुनिक प्रशासनिक आवश्यकताओं, पारदर्शिता और जवाबदेही के अनुरूप ढाला।

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