मध्य प्रदेश सिविल सेवा अवकाश नियम 1977
Madhya Pradesh Civil Services Leave Rules 1977

मध्यप्रदेश सिविल सेवायें (अवकाश) नियम, 1977 का सारांश
अध्याय एक: प्रारंभिक
ये नियम 1 अक्टूबर, 1977 से लागू हुए हैं और राज्य के काम-काज से संबंधित सिविल सेवाओं तथा पदों पर नियुक्त सभी शासकीय सेवकों पर लागू होते हैं।
- लागू न होना: ये नियम आकस्मिक/दैनिक दर पर नियुक्त, अंशकालीन, आकस्मिक निधि से वेतन पाने वाले, कार्यभारित स्थापना पर नियुक्त व्यक्तियों, तथा अखिल भारतीय सेवा के सदस्यों पर लागू नहीं होते हैं।
- परिभाषाएँ: इसमें “आवंटित शासकीय सेवक,” “सेवा का पूर्ण वर्ष,” “सेवानिवृत्ति की तिथि,” “बाह्य सेवा,” “अर्द्धस्थायी सेवायुक्त सरकारी सेवक,” “स्थायी सेवायुक्त सरकारी सेवक,” और “अवकाश विभाग” जैसी महत्वपूर्ण शब्दावली को परिभाषित किया गया है।
- अन्य सेवाओं/बाह्य सेवा पर सेवक: अस्थायी स्थानान्तरण या बाह्य सेवा पर गए सरकारी सेवक इन्हीं नियमों से शासित होते रहेंगे। अन्य अवकाश नियमों से शासित पद से स्थायी पद पर मौलिक नियुक्ति होने पर सेवक इन नियमों के अधीन हो जाएगा, और उसके खाते में जमा अवकाश को नियम 25 में दी गई अधिकतम सीमा तक आगे ले जाया जाएगा।
अध्याय दो: सामान्य शर्ते
यह अध्याय अवकाश के सामान्य सिद्धांतों को स्पष्ट करता है।
- अवकाश का अधिकार: अवकाश की मांग अधिकार के रूप में नहीं की जा सकती। लोक सेवा में आवश्यक होने पर सक्षम प्राधिकारी किसी भी प्रकार का अवकाश रद्द कर सकता है।
- नियमन: अवकाश के दावे का नियमन उस समय प्रवृत्त नियमों से होगा जो अवकाश के आवेदन और मंजूरी के समय लागू थे।
- अवकाश पर प्रभाव: पदच्युति, निष्कासन, या त्याग-पत्र देने पर जमा अवकाश का दावा राजसात हो जाता है। कुछ विशिष्ट मामलों में जैसे कि पुनर्स्थापन या पैतृक कार्यालय के बाहर अन्य पद हेतु उचित माध्यम से आवेदन करने पर यह लागू नहीं होता।
- परिवर्तन और संयोजन: सक्षम प्राधिकारी सेवक के निवेदन पर एक प्रकार के अवकाश को भूतलक्षी प्रभाव से दूसरे प्रकार के अवकाश में परिवर्तित कर सकता है, पर सेवक इस पर अधिकार के रूप में दावा नहीं कर सकता। भिन्न प्रकार के अवकाश को आपस में जोड़ा जा सकता है।
- अधिकतम गैरहाजिरी: किसी भी प्रकार का अवकाश लगातार पाँच वर्षों से अधिक की अवधि के लिए मंजूर नहीं किया जाएगा।
- अवकाश पर नियोजन: सेवानिवृत्ति पूर्व अवकाश सहित, अवकाश पर रहते हुए सक्षम प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति के बिना कोई अन्य सेवा या नियोजन (सीमित निजी व्यवसाय के अलावा) स्वीकार नहीं किया जा सकता। सेवानिवृत्ति पूर्व अवकाश पर निजी नियोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अध्याय तीन: मंजूरी एवं अवकाश से वापसी
यह अध्याय अवकाश आवेदन, लेखा-जोखा और वापसी की प्रक्रिया से संबंधित है।
- आवेदन: अवकाश के लिए आवेदन प्रपत्र 1 में सक्षम प्राधिकारी को प्रस्तुत करना चाहिए। अस्वस्थता के अलावा अन्य आधार पर आवेदन कम से कम तीन सप्ताह पूर्व (सेवानिवृत्ति पूर्व अवकाश हेतु छः सप्ताह) प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
- अवकाश लेखा और सत्यापन: प्रत्येक सरकारी सेवक का अवकाश लेखा कार्यालय प्रमुख द्वारा प्रपत्र 2 में रखा जाएगा। पात्रता का सत्यापन हुए बिना अवकाश मंजूर नहीं किया जाएगा।
- मंजूरी न करना: जिस सरकारी सेवक को पदच्युत करने, हटाने या अनिवार्य सेवानिवृत्त करने का विनिश्चय कर लिया गया है, उसे अवकाश मंजूर नहीं किया जाएगा।
- चिकित्सा प्रमाण-पत्र पर अवकाश: आवेदन के साथ अधिकृत चिकित्सा परिचारक/पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी द्वारा प्रपत्र 3 में प्रमाण-पत्र संलग्न करना आवश्यक है। यह प्रमाण-पत्र अवकाश का कोई अधिकार नहीं देता, सक्षम प्राधिकारी के आदेश की प्रतीक्षा की जानी चाहिए। 7 दिन से अधिक के न होने वाले अवकाश के मामले में सक्षम प्राधिकारी चिकित्सा प्रमाण-पत्र से छूट दे सकता है।
- कार्य पर स्वस्थ होकर न लौटने की संभावना: यदि चिकित्सा प्राधिकारी यह राय दे कि सेवक के कार्य पर लौटने की संभावना नहीं है, तो उसे अवकाश अमान्य नहीं किया जाएगा। लेकिन चिकित्सा प्राधिकारी से प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद अवकाश की अवधि छः महीने से अधिक नहीं होगी, यदि सेवक को स्थायी रूप से अनफिट घोषित किया गया है।
- वापसी: अवकाश समाप्ति के पूर्व कार्य पर वापस बुलाना (नियम 22) और अवकाश से वापसी (नियम 23) के प्रावधान दिए गए हैं।
अध्याय चार: देय एवं ग्राह्य अवकाशों के प्रकार
इसमें विभिन्न प्रकार के अवकाशों का उल्लेख है:
- अर्जित अवकाश (नियम 25, 26, 27)
- अर्द्ध वेतन अवकाश (नियम 28)
- लघुकृत अवकाश (नियम 29)
- अदेय अवकाश (नियम 30)
- असाधारण अवकाश (नियम 31)
- परिवीक्षाधीन, परिवीक्षा पर तथा प्रशिक्षु को अवकाश (नियम 32)
- सेवानिवृत्ति पूर्व अवकाश (नियम 33)
- सेवानिवृत्ति तिथि के बाद अवकाश (नियम 34)
- अवकाश वेतन (नियम 36)
- मातृत्व अवकाश (नियम 38)
- पितृत्व अवकाश (नियम 38-क)
- दत्तक ग्रहण अवकाश (नियम 38-ख)
अध्याय पांच और छः: विशेष और अध्ययन अवकाश
- विशेष निर्योग्यता अवकाश (जानबूझकर या आकस्मिक क्षति हेतु) का उल्लेख नियम 39, 40 और 40-A में है।
- अध्ययन अवकाश के लिए मंजूरी की शर्तें, अधिकतम मात्रा, अन्य अवकाश के साथ संयोजन, अवकाश वेतन और बंध पत्र के निष्पादन (नियम 50) के संबंध में विस्तृत नियम दिए गए हैं।
अध्याय सात: विविध
इसमें नियमों के निर्वचन (नियम 56) और निरसन तथा व्यावृत्ति (नियम 58) के प्रावधान हैं। साथ ही, नियम से संबंधित फार्म्स 1 से 9 का उल्लेख है।

