यह दस्तावेज़ मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019′ की विस्तृत जानकारी है, जिसे मध्यप्रदेश राजपत्र में 30 अगस्त 2019 को प्रकाशित किया गया था। ये नियम पूरे मध्यप्रदेश राज्य में रेत के खनन, परिवहन, भण्डारण और व्यापार को विनियमित करते हैं।


नियमों का संक्षिप्त सारांश (Summary of Rules)

1. मुख्य प्रावधान और प्रतिबंध (Main Provisions and Restrictions)

  • रेत खनन पर प्रतिबंध: नर्मदा नदी में स्वीकृत रेत खदानों से मशीनों द्वारा रेत खनन, लदान (लोडिंग) और भण्डारण पर पूर्ण प्रतिबंध है ।
  • अन्य नदियों में खनन: अन्य नदियों में 5.00 हेक्टेयर तक की खदानों में खनन का कार्य स्थानीय श्रमिकों की समिति द्वारा किया जाएगा, जबकि 5.00 हेक्टेयर से बड़ी खदानों में स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी ।
  • खनन की गहराई: रेत खनन की अधिकतम गहराई 3 मीटर या भू-जल स्तर, जो भी कम हो, तक ही अनुमत है ।
  • प्रतिबंधित क्षेत्र (Prohibited Areas): कुछ संवेदनशील क्षेत्रों से रेत निकालना या हटाना वर्जित है, जैसे:
    • किसी पुल या जल प्रदाय योजना के 200 मीटर के भीतर ।
    • राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे लाइन के किनारों से 100 मीटर के भीतर ।
    • सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक स्थलों से 200 मीटर के भीतर ।
  • परिवहन नियम: स्वीकृत खदान या भण्डारण स्थल से रेत का परिवहन विहित अभिवहन पारपत्र (Transit Pass) के बिना नहीं किया जाएगा । रेत परिवहन में लगे वाहनों में जीपीएस या समकक्ष तकनीक स्थापित करना अनिवार्य है ।

2. खनन समूह का निर्धारण एवं ई-निविदा (E-Tender and Grouping of Mines)

  • समूह बनाना: कलेक्टर नदियों या अन्य स्थानों पर नए रेत वहन क्षेत्रों की पहचान और सीमांकन (DGPS सर्वेक्षण सहित) करते हैं, और फिर उन्हें समूह में बाँटते हैं ।
  • आधार मूल्य (Up-set Price): रेत की अनुमानित उपलब्ध मात्रा की गणना के आधार पर, प्रारंभिक आधार मूल्य ₹ 125/- प्रति घनमीटर की दर से निर्धारित किया जाता है ।
  • निविदा प्रक्रिया: रेत खदानों के समूहों का आवंटन मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम मर्यादित (निगम) द्वारा ई-निविदा (E-tender) के माध्यम से किया जाता है ।
  • ठेका अवधि और भुगतान:
    • ठेका अवधि 3 वर्ष की होगी ।
    • ठेके की वार्षिक राशि उच्चतम निविदा राशि होगी । द्वितीय और तृतीय वर्ष में यह राशि 10 प्रतिशत अधिक होगी ।
    • भुगतान चार समान त्रैमासिक किश्तों में अग्रिम रूप से किया जाएगा ।

3. छूट और रियायतें (Exemptions)

  • सरकारी योजनाएं: पंचायत/नगरीय निकाय द्वारा शुरू की गई शासकीय योजनाओं (जैसे स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना) के लिए रॉयल्टी का भुगतान करने पर रेत प्राप्त की जा सकती है, और बाद में यह रॉयल्टी राशि (लदान और परिवहन को छोड़कर) वापस कर दी जाती है (यदि कार्य ठेकेदार द्वारा न किया गया हो) ।
  • व्यक्तिगत उपयोग: अनुसूचित जाति/जनजाति के मजदूर, कारीगर, और ग्रामीण कृषक स्वयं के निवास के निर्माण या मरम्मत, कुएं के निर्माण और कृषि कार्यों के लिए ग्राम सभा द्वारा चयनित क्षेत्र से एक वर्ष में अधिकतम 10 घनमीटर रेत का उपयोग कर सकते हैं ।
  • पारंपरिक कारीगर: पारंपरिक रूप से बर्तन, टाइल्स, और ईंट बनाने वाले कुम्हारों, अनुसूचित जाति/जनजाति के सदस्यों या सहकारी समितियों के सदस्यों को रॉयल्टी का भुगतान किए बिना रेत प्राप्त करने की अनुमति है ।

4. अवैध उत्खनन पर शास्ति (Penalties for Illegal Mining)

  • जुर्माना: अवैध उत्खनन, परिवहन और भण्डारण के मामलों में, कलेक्टर द्वारा उत्खनित खनिज की रॉयल्टी के 25 गुना से 50 गुना तक की शास्ति (जुर्माना) अधिरोपित की जा सकती है ।
  • वाहनों पर जुर्माना: बिना अभिवहन पारपत्र के परिवहन करने वाले वाहनों पर जुर्माने और शास्ति की राशि वाहन के प्रकार (जैसे ट्रैक्टर ट्रॉली, डम्पर आदि) के अनुसार अलग-अलग निर्धारित की गई है ।

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