Paddy_and_coarse_grains_281125

यह पत्र मध्यप्रदेश शासन के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए जारी किया गया है। इसका मुख्य विवरण निम्नलिखित है:

मुख्य विषय और उद्देश्य

खरीफ वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान एवं मोटा अनाज उपार्जन के लिए सिकमी (बटाईदार) और वन पट्टाधारी किसानों के पंजीकरण का सत्यापन करना । कुछ जिलों में अनुबंध पत्र (सिकमीनामा) पोर्टल पर अपलोड न होने के कारण पंजीकरण संदेहास्पद पाए गए हैं ।+2

सत्यापन हेतु प्रमुख निर्देश

  • जांच दल का गठन: सत्यापन के लिए खाद्य, सहकारिता और राजस्व विभाग का एक संयुक्त जांच दल बनाया जाएगा ।
  • दस्तावेजों का मिलान: ई-उपार्जन पोर्टल पर दर्ज किसान के रकबे और फसल का मिलान पंजीयन केंद्र पर उपलब्ध मूल अनुबंध और दस्तावेजों से किया जाएगा ।
  • पुष्टि प्रक्रिया: मूल भूमिस्वामी से इस बात की पुष्टि की जाएगी कि उसने भूमि सिकमी या बटाई पर दी है । वन पट्टाधारी किसानों का सत्यापन वन विभाग से कराया जाएगा ।+1
  • पोर्टल प्रविष्टि: कलेक्टर के अनुमोदन के बाद ‘DSO लॉगिन’ से पोर्टल पर प्रविष्टि की जाएगी, जिसके बाद ही किसान स्लॉट बुकिंग कर सकेंगे ।
  • समय सीमा: सत्यापन की समस्त कार्यवाही 12 दिसंबर 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं ।

पंजीकरण के आंकड़े (परिशिष्ट-अ)

दस्तावेज में प्रदेश के विभिन्न जिलों के पंजीकरण की स्थिति दी गई है:

  • कुल पंजीकृत किसान (स्वयं की भूमि): 8,38,639
  • कुल सिकमी (बटाईदार) किसान: 15,845
  • दोनों श्रेणियों वाले किसान: 10,926
  • प्रमुख जिले: कटनी, जबलपुर, रायसेन और सतना जैसे जिलों में सिकमी किसानों की संख्या अधिक दर्ज है ।

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